यूक्रेन में युद्ध जारी है, और रूस ने पूर्वी क्षेत्र में अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है. रूसी सेना ने सीवियरडोनेत्स्क और लिसिचन्स्क शहरों पर लगातार बमबारी कर रही है, और यूक्रेनी सेना इन शहरों की रक्षा करने के लिए संघर्ष कर रही है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि रूस पूर्वी यूक्रेन को "भूमिगत" करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि रूस ने शहरों पर बमबारी की है, और नागरिकों को मार रहा है. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन को "नष्ट करने" की कोशिश कर रहा है.





रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में अपनी आक्रामकता बढ़ाने के लिए कई कारण हैं. एक कारण यह है कि रूस ने अब तक यूक्रेन के उत्तरी हिस्से में अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं किया है. रूसी सेना ने कीव और चेर्निहिव शहरों पर कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हुई. रूस अब पूर्वी यूक्रेन में अपनी आशा लगाए हुए है, जहां उसे उम्मीद है कि वह यूक्रेनी सेना को परास्त कर सकेगा.

रूस के पूर्वी यूक्रेन पर हमले का एक और कारण यह है कि रूस यूक्रेन के कृषि क्षेत्र को नियंत्रित करना चाहता है. पूर्वी यूक्रेन यूक्रेन का सबसे बड़ा कृषि क्षेत्र है, और रूस इस क्षेत्र को नियंत्रित करके यूक्रेन के खाद्यान्न निर्यात को रोकना चाहता है. इससे दुनिया भर में खाद्य संकट पैदा हो सकता है.



रूस के पूर्वी यूक्रेन पर हमले का एक तीसरा कारण यह है कि रूस यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकना चाहता है. रूस को डर है कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है तो यह रूस के लिए एक खतरा बन जाएगा. रूस पूर्वी यूक्रेन पर कब्जा करके यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यूक्रेन कभी नाटो में शामिल न हो सके.

यूक्रेन में युद्ध एक भयावह आपदा है. लाखों लोग बेघर हो गए हैं, और हजारों लोग मारे गए हैं. युद्ध का यूक्रेन के लोगों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है. युद्ध का दुनिया भर के लोगों पर भी प्रभाव पड़ रहा है. युद्ध के कारण ऊर्जा की कीमतें बढ़ रही हैं, और खाद्य संकट पैदा हो रहा है. युद्ध का अंत होना चाहिए.